मुंबई : पुलिस ने मुंबई, गुजरात और कर्नाटक में फैले अंतरराज्यीय बाल तस्करी रैकेट में शामिल आठ महिलाओं समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एक महिला ने तो अपने ही बच्चे को पांच लाख रुपये में बेच दिया था। महिला ने बताया कि उसने अपनी बेटी को इसलिए बेचा क्योंकि उसके पास जेल में बंद पति की जमानत कराने के पैसे नहीं थे।

कर्नाटक के कारवार में एक दंपति को 5 लाख रुपये में बेची गई चार महीने की बच्ची को रेस्क्यू कराया गया है। अधिकारियों को कर्नाटक की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और एक नर्स के शामिल होने का संदेह है।

इन लोगों की हुई गिरफ्तारी

गिरफ्तार किए गए लोगों में सुलोचना सुरेश कांबले (45), मीरा राजाराम यादव (40), योगेश भोईर (37), रोशनी घोष (34), संध्या राजपूत (48), मदीना उर्फ मुन्नी इमाम चव्हाण (44), तैनाज शाहीन चौहान (19), बेबी मोइनुद्दीन तंबोली (50) और मनीषा सनी यादव (32) शामिल हैं।

आरोपी शहर के दादर और सेवरी, दिवा, वडोदरा और कारवार के रहने वाले हैं और वे वेडिंग प्लानर, केयरगिवर और अस्पताल सहायक के तौर पर काम करते हैं।

ऐसे सामने आया मामला

मामला 11 दिसंबर को तब प्रकाश में आया जब सायन-माहिम लिंक रोड पर रहने वाली शिशु की दादी ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बहू मनीषा यादव ने उनके चार महीने के बच्चे को बेच दिया है। मनीषा ने वडोदरा की मदीना चव्हाण और तैनाज चौहान की मदद से कर्नाटक के एक दंपति को एक लाख रुपये में बच्चे को बेचने की बात कबूल की।

ठाणे, वडोदरा और कारवार से गिरफ्तारियां

डीसीपी रागसुधा आर के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल ने कई राज्यों में समन्वय किया, जिसके बाद शहर, ठाणे, वडोदरा और कारवार से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने कम आय वाले परिवारों को निशाना बनाया। पुलिस को संदेह है कि आरोपियों ने कम से कम आधा दर्जन बच्चों की तस्करी की होगी।

भायखला जेल में बंद है पति

अधिकारियों के अनुसार महिला के पति को रेलवे पुलिस ने चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया था। वह भायखला जेल में बंद है। महिला बीते दिनों अपने पति से मिलने जेल गई तो उसके पति ने जमानत के लिए रुपयों की व्यवस्था करने की बात कही। महिला ने कोशिश की लेकिन कहीं से कोई इंतजाम नहीं हुआ। आखिर कुछ दिनों में उसकी डिलीवरी हुई तो उसने अपनी बच्ची को बेचने का फैसला किया।

पांच लाख में डील, महिला को मिले 1 लाख

पुलिस ने बताया कि बच्ची को पांच लाख में बेचा गया लेकिन उसकी जैविक मां को सिर्फ एक लाख रुपये ही दिए गए। बाकी रुपये बिचौलियों ने लिए। महिला की सास ने जब शिकायत की तो उसके आधार पर, माटुंगा पुलिस ने एक जांच शुरू की। उल्हासनगर, सूरत, वडोदरा और कर्नाटक सहित कई स्थानों के माध्यम से बच्चे का पता लगाया। टीम ने आखिर लेन-देन में शामिल आठ बिचौलियों को गिरफ्तार किया।

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