सरकार ने लैपटॉप आयात के बैन से फिलहाल किनारा कर लिया है। भारत सरकार विदेश से आने वाले लैपटॉप में कटौती करने के लिए आयात पर बैन का कोई प्लान नहीं है। सरकार का मानना है कि भारत में धीरे-धीरे लैपटॉप के प्रोडक्शन में तेजी आएगी, जिससे विदेशी लैपटॉप की डिमांड खुद ब खुद कम हो जाएगी। ऐसा ही स्मार्टफोन के मामले में देखा गया था, जब स्मार्टफोन के आयात पर बिना किसी इंपोर्ट बैन के घरेलू प्रोडक्शन बढ़ाया। इसके बाद स्मार्टफोन इंपोर्ट बैन हो गया।

घरेलू प्रोडक्शन में होगा इजाफा

आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सचिव एस कृष्णन ने कहा कि HP और Dell जैसी कंपनियां आने वाले वित्त वर्ष में घरेलू प्रोडक्शन में इजाफा करेंगी। साथ ही देश में ही कंपोनेंट बनाने के काम में तेजी आएगी। सरकार देश में ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को सेमीकंडक्टर एरिया में निवेश के लिए प्लान बना रही हैं, जिससे सेमीकंडक्टर निर्माताओं को प्रोत्साहित किया जा सके। सरकार का मानना है कि 10 अरब डॉलर सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए एक छोटा बजट है, जो जापान, अमेरिका, यूरोप और चीन से जैसे देश से मुकाबला करने के लिए कम है।

PLI स्कीम का मिलेगा फायदा

उन्होंने कहा कि भारत का मुकाबला बाकी देशों से कठिन होगा, क्योंकि इन देशों में पहले से सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए बेस मौजूद हैं, जबकि भारत को ऑपरेशन सेटअप करना है। कृष्णन ने कहा कि देश में लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग नए वित्त वर्ष से शुरू होने की उम्मीद है। HP और Dell ने 17,000 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन-लिंक्ड इनिशिएटिव स्कीम के तहत प्रोडक्सन बढ़ाने का ऐलान किया है, जिसका ऐलान 2023 में किया गया था।

कब लैपटॉप इंपोर्ट पर लगा था बैन

केंद्र सरकार ने पहली बार 3 अगस्त 2023 में लैपटॉप इंपोर्ट पर बैन लगाने का ऐलान किया था, जिसे 1 अक्टूबर 2023 से लागू होना था। लेकिन लैपटॉप मैन्युफैक्चर्स की तरफ के विरोध के बाद बैन को हटाने का ऐलान कर दिया था। पहले तक HP और Dell जैसे कंपनियां भारत में लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग से इनकार कर रही थी, लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद दोनों कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए राजी हो गई हैं।

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