China Dam Project: भारत की आपत्ति के बाद चीन ने आज यानी शनिवार को अपने डैम प्रोजेक्ट को लेकर सफाई दी है. चीन ने भारत को बड़ा आश्वासन दिया है. चीन ने कहा कि इस परियोजना का निचले इलाकों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. भारत ने शुक्रवार को चीन के डैम प्रोजेक्ट को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थी. चीन यह डैम तिब्बत के पूर्वी पठार में बना रहा है. यह एक हाइड्रोपावर डैम होगा, जिससे चीन बिजली पैदा करेगा. चीन इस डैम को यारलुंग त्सांगपो नदी बना रहा है. ऐसे में सवाल है कि क्या ड्रैगन अपने दावे पर खरा उतरेगा?
चीन ने क्या दी सफाई
भारत स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग (Yu Jing) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डैम प्रोजेक्ट को लेकर बयान दिया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि चीन हमेशा से सीमा पार की नदियों के विकास के लिए जिम्मेदार रहा है. इस डैम प्रोजेक्ट के पीछे चीन का मकसद जलविद्युत और स्वच्छ ऊर्जा के विकास में तेजी लाना है. साथ ही इससे जलवायु परिवर्तन और जल आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी.
‘डैम प्रोजेक्ट का बुरा असर नहीं’
यू जिंग आगे बताती हैं कि चीन डैम प्रोजेक्ट के ऐलान करने से पहले वहां सालों तक हाइड्रोपावर डेवलपमेंट का गहन अध्ययन किया है. उसी के आधार पर इकोलॉजिकल एनवायरनमेंट की सुरक्षा के कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि परियोजना का निचले इलाकों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है.
भारत ने क्या जताई थी आपत्ति
भारत ने डैम प्रोजेक्ट को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया था कि चीन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि ब्रह्मपुत्र के निचले राज्यों के हितों को ऊपरी क्षेत्रों में गतिविधियों (यानी डैम के निर्माण) से नुकसान नहीं पहुंचे. हम अपने हितों की रक्षा के लिए निगरानी करना और जरूरी कदम उठाना जारी रखेंगे.’ बता दें कि चीन जिस यारलुंग त्सांगपो नदी (Yarlung Tsangpo River) पर यह बांध बना रहा है, वो तिब्बत के बाद भारत में बहती है. यही नदी भारत में ब्रह्मपुत्र कहलाती है.