Mobile Ban in School: एजुकेशन में अब स्मार्टफोन का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. पहले पढ़ने के लिए फोन को दूर रखना होता था लेकिन अब, हर दिन उभरती नई तकनीक के बीच स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. सुबह से लेकर रात तक, हम अपने हर काम के लिए इस छोटे से डिवाइस पर निर्भर हैं. बच्चे होमवर्क के लिए मोबाइल ऐप्स की मदद लेते हैं, और कई स्कूल अब बच्चों का होमवर्क भी मोबाइल के जरिए भेजते हैं. हालांकि, स्मार्टफोन का बढ़ता इस्तेमाल अब कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे रहा है.
सूरत में स्मार्टफोन की वजह से दुखद घटना
हाल ही में, गुजरात के सूरत जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई. 8वीं की एक छात्रा ने केवल इस वजह से सुसाइड कर लिया क्योंकि उसकी मां ने उससे कुछ समय के लिए मोबाइल फोन ले लिया था. यह घटना स्मार्टफोन की बढ़ती लत और इसके मनोवैज्ञानिक प्रभावों को दिखाती है. इस घटना के बाद, गुजरात के राज्य शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया. यह फैसला इसलिए भी जरूरी है क्योंकि दुनिया के कई देशों में पहले से ही स्कूलों में मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध है.
स्मार्टफोन और बच्चों की पढ़ाई पर असर
स्कूल में स्मार्टफोन लेकर आने वाले बच्चों में एकाग्रता की कमी देखी गई है. रिसर्च के मुताबिक, करीब 70 प्रतिशत शिक्षकों का मानना है कि क्लास में मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चों को पढ़ाई से भटका देता है. फोने पर आने वाले नोटिफिकेशन, सोशल मीडिया, और गेम्स पर ध्यान देने के कारण बच्चों का फोकस पढ़ाई से हट जाता है.
अमेरिका के कई राज्यों जैसे न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, और टेक्सास में छात्रों को स्कूल में फोन लाने की अनुमति नहीं है. अगर कोई बच्चा फोन लेकर आता है, तो उसे स्कूल प्रशासन के पास जमा करवाना पड़ता है.
दुनिया भर में स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध
दुनिया के कई देशों में स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर बैन है. इसका उद्देश्य बच्चों को पढ़ाई में अधिक फोकस करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है. फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पोलैंड में मोबाइल फोन पूरी तरह बैन है.
भारत में ये है हाल
भारत में भी ज्यादातर स्कूल छात्रों को मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं देते. हालांकि, देश में स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन इस पर कंट्रोल रखना जरूरी है. स्कूलों को सख्त नियम लागू करने चाहिए ताकि बच्चे फोन की लत से बच सकें और पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकें.